Ayodhya Ram Mandir
Ayodhya Ram Mandir History in Hindi
उत्तर प्रदेश में स्थित अयोध्या एक ऐसा नगरी है जहां के कोने-कोने में भारतीय संस्कृति झलकती है।। यहां की राम जन्मभूमि की बात करें तो वह एक अद्वितीय स्थान है, जहां हर कदम पर ऐतिहासिक वातावरण को महसूस किया जा सकता है।
राम मंदिर का पुराना इतिहास
इस मंदिर ने सबसे पहले 11वीं सदी में अपने प्रेम और आस्था का प्रतीक बनाया था। फिर आए विवादों के बाद, यह स्थान एक सांस्कृतिक और धार्मिक मिश्रण का केंद्र बन गया।
राम मंदिर, अयोध्या: विवाद क्यों ?
11वीं शताब्दी से अयोध्या, हिंदू अपने आराध्य देवता भगवान राम की जन्म भूमि मानते थे 1528 में यहां एक मस्जिद का निर्माण किया जाता है जहां पर हिंदू अपने आराध्य देवता भगवान राम की जन्मस्थली मानते थे। कहा यह जाता है कि यह मस्जिद बाबर के द्वारा बनवाया गया था इसलिए इस मस्जिद को बाबरी मस्जिद के नाम से भी जाना जाता था।
तभी से लगातार हिंदू एवं मुस्लिम के बीच अयोध्या विवाद का हिस्सा बना हुआ था। समय-समय पर यहां सांप्रदायिक दंगे भी होते रहे जिसके कारण मौजूदा ईस्ट इंडिया कंपनी की सरकार ने हिंदू एवं मुस्लिम दोनों को मुख्य आंगन में जाकर पूजा करने के बजाय बाहर ही पूजा करने का आदेश दिया ।
1885 में महंत रघुवर दास ने ईस्ट इंडिया कंपनी में एक मुकदमा किया जिसमें इन्होंने अयोध्या के राम मंदिर का पुजारी होने का दावा किया एवं ईस्ट इंडिया कंपनी से उस स्थान पर एक मंदिर निर्माण का आग्रह किया।
राम मंदिर, अयोध्या: विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय | Ayodhya Ram Mandir Vivad
वर्ष 2019 में उच्चतम न्यायालय के 46वें मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई जी के अध्यक्षता में पांच जजों की बैठक ने राम मंदिर पर फैसला सुनाया था।
इस फैसले में उच्चतम न्यायालय के न्यायिक पीठ ने फैसला देते हुए अयोध्या के पूरे परिसर में 5 एकड़ की जमीन मस्जिद निर्माण के लिए एवं 70 एकड़ मंदिर निर्माण के लिए दिए गए।
राम मंदिर का पुनर्निर्माण | Ayodhya Ram Mandir Nirman
राम मंदिर का निर्माण कार्य की नीव 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा रखी गई।
संपूर्ण राम मंदिर का परिसर 70 एकड़ में है इस परिसर में राम मंदिर का निर्माण 2.7 एकड़ में हुआ है।
L&T कंपनी के द्वारा मंदिर का निर्माण किया जा रहा है एवं यह कंपनी राम मंदिर के निर्माण के लिए किसी भी प्रकार का पैसे नहीं ले रही है।
सोमपुर परिवार के द्वारा राम मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। यह परिवार पीढ़ी दर पीढ़ी अलग-अलग स्थान पर राम मंदिर का निर्माण करवाती है।
यह ध्यान रहे की राम मंदिर का निर्माण राम जन्मभूमि ट्रस्ट के द्वारा किया जा रहा है न कि केंद्र या राज्य सरकार के द्वारा। वर्तमान में राम जन्मभूमि ट्रस्ट के अध्यक्ष चंपत राय हैं ।
राम मंदिर की लंबाई चौड़ाई एवं ऊंचाई क्रमशः 380 फीट, 250 फीट, 161 फीट है।
नवनिर्मित राम मंदिर में कुल 392 स्तंभ एवं पांच मंडप हैं।
राम मंदिर के पांच मंडप : नृत्य, रंग, सभा, प्रार्थना, कीर्तन है।
राम मंदिर के निर्माण का लागत मूल्य लगभग 18000 करोड़ रुपए है।
अयोध्या के राम मंदिर की मूर्ति | Ayodhya Ram Mandir Murti
राम मंदिर के मूर्ति को मैसूर के अरुण योगीराज के द्वारा बनाया गया है। यह मूर्ति कमल पर विराजमान भगवान श्री रामचंद्र की है। जिसके चारों तरफ भगवान विष्णु के 10 अवतारों को प्रदर्शित किया गया है।

इस अद्वितीय सांस्कृतिक यात्रा में, हमने देखा कि राम मंदिर का पुनर्निर्माण एक सामूहिक सफलता का प्रतीक है, जो हमें एक सशक्त, सांस्कृतिक, और समृद्धिस्वरूप भविष्य की ओर बढ़ा रहा है। इस सफलता में हम सभी का योगदान है, और इस योगदान के साथ हम सभी एक नए सुरक्षित और खुशहाल भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं।
राम मंदिर, अयोध्या: प्राण प्रतिष्ठा समारोह | Ayodhya Ram Mandir Pran Pratistha
22 जनवरी 2024 को अयोध्या के राम मंदिर में रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा किया जाएगा जिसके लिए अयोध्या को दुल्हन की तरह सजाया गया है एवं पूरे भारत में हर्ष-उल्लास का माहौल बना हुआ है।
अतः आप सभी भारतवासियों से यह निवेदन है की 22 जनवरी 2024 को अपने घरों में दीपक जलाकर इस साल की पहली दीपावली मनाएं।
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