शंघाई सहयोग संगठन [SCO]

स्थापना 15 June 2001
मुख्यालयबीजिंग [चीन]
सदस्यकज़ाखस्तान, चीन, किर्गिज़स्तान, रूस, ताजिकिस्तान, उज़्बेकिस्तान, भारत और पाकिस्तान
पुराना नामशंघाई-5
उद्देश्य आर्थिक एवं राजनीतिक सहयोग करना

SCO की स्थापना

  • वर्ष 1996 में चीन एवं रूस ने तीन मध्य एशियाई देशों के साथ मिलकर शंघाई-5 के नाम से एक संस्था की स्थापना किए ।
  • शंघाई-5 में रूस, चीन के साथ-साथ तीन मध्य एशियाई देश कजाकिस्तान, किर्गिस्तान एवं ताजिकिस्तान शामिल थे।
  • मध्य एशियाई देश में वे पांच देश जो दिसंबर 1999 में USSR से अलग हुए एवं एशिया के लगभग मध्य भाग में स्थित है मध्य एशियाई देश कहलाते हैं जैसे : कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज़्बेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान

शंघाई-5 का उद्देश्य :

  • शंघाई-5 का उद्देश्य सदस्य देशों के सीमावर्ती विवादों का समाधान करना एवं सीमावर्ती क्षेत्रों में सैन्य बलों की संख्या को कम करना था ।
    • शंघाई-5 ने अपना उद्देश्य महज 4 वर्षो के अंदर ही प्राप्त कर लिया अतः यह सबसे सफलतम संस्थाओं में से एक था।

SCO की स्थापना

  • वर्ष 2001 में उज्बेकिस्तान शंघाई-5 का सदस्य बना और शंघाई-5 का नाम शंघाई सहयोग संगठन पड़ा।

SCO का उद्देश्य :

  • एससीओ का उद्देश्य आर्थिक एवं राजनीतिक सहयोग से सतत विकास को बढ़ावा देना है।

SCO में भारत की सदस्यता

  • रूस के कहने पर चीन ने भारत को एससीओ में शामिल करने के लिए तैयार तो हो गया लेकिन चीन के द्वारा यह शर्त रखा गया कि भारत पहले अपने सीमावर्ती विवादों का समाधान कर ले फिर SCO का सदस्य बन सकता है यह चीन द्वारा चला गया एक कूटनीति था क्योंकि भारत के सीमावर्ती क्षेत्र बहुत ही संवेदनशील और विवादास्पद है।
  • रूस के लगातार कहने पर 2017 में भारत को शंघाई सहयोग संगठन में शामिल कर लिया गया परंतु यहां पर चीन ने एक कूटनीतिक चाल चली और चीन के सहयोग से पाकिस्तान को भी शामिल कर लिया गया।
  • जून 2018 में एससीओ किंगडाओ सम्मेलन में भारत एक सदस्य के तौर पर भाग लिया।

SCO महत्वपूर्ण क्यों है

  • रूस, भारत, चीन, पाकिस्तान एवं चार अन्य मध्य एशियाई देशों सहित एससीओ में कुल 8 सदस्य देश है जो विश्व की कुल जनसंख्या की लगभग आधी आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं।
  • एस.सी.ओ विश्व की GDP में महत्वपूर्ण योगदान देने वाला संगठन है।
  • यूरेनियम की दृष्टि से एससीओ एक महत्वपूर्ण संस्था है जिसके पास ऊर्जा संसाधन में अच्छा कार्य करने का सामर्थ है।
  • एक ध्रुवीय विश्व को प्रतिसंतुलित करने की दृष्टि से एससीओ अहम भूमिका अदा करेगी।
  • एस.सी.ओ के माध्यम से भारत चीन संबंध को बेहतर करने की संभावना अधिक है।
  • सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भी अहम रोल अदा करेगा।

SCO शिखर सम्मेलन 2023

  • भारत 17-18 मार्च 2023 को शंघाई सहयोग संगठन [SCO] के पर्यटन मंत्रियों के बैठक का आयोजन वाराणसी में किया गया एवं वाराणसी शहर को एससीओ की पहली सांस्कृतिक राजधानी घोषित किया गया।
  • वर्तमान में एससीओ की अध्यक्षता भारत कर रहा है।

SCO से भारत को लाभ

  • भारत-चीन संबंध बेहतर होंगे ।
  • आर्थिक संबंध बेहतर होंगे।
  • सीमावर्ती विवादों का समाधान आसान होगा।
  • भारत-पाकिस्तान संबंध बेहतर होने की संभावना अधिक होगी।
  • भारत जब एससीओ के माध्यम से मध्य एशियाई देशों तक मजबूत पहुंच बनाएगा जिससे ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित होगी क्योंकि कजाकिस्तान यूरेनियम से संपन्न देश है।
  • उत्तर दक्षिण अंतरराष्ट्रीय परिवहन कॉरिडोर और मजबूत होगा।
  • भारत का रूस के साथ अच्छे संबंध होने की संभावना बढ़ेगी।

SCO के वार्ताकार साझेदार (Dialogue Partners)

  • श्रीलंका, बेलारूस, तुर्की को वार्ताकार सदस्य डायलॉग पार्टनर का दर्जा प्राप्त है।
  • BRICS एवं एससीओ एशिया में चीन, रूस, भारत 3 सदस्य देश कॉमन है।
  • वर्ष 2015 में रूस के UFA में एससीओ की बैठक के साथ ही ब्रिक्स का बैठक हुए और अब तक के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ।

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एसपीओ का स्थापना कब हुआ ?

15 June 2001 को SCO की स्थापना हुआ..

SCO वार्ताकार साझेदार कौन-कौन हैं ?

श्रीलंका, बेलारूस, तुर्की को वार्ताकार सदस्य डायलॉग पार्टनर का दर्जा प्राप्त है।..

एशिया में कौन-कौन से सदस्य हैं ?

कज़ाखस्तान, चीन, किर्गिज़स्तान, रूस, ताजिकिस्तान, उज़्बेकिस्तान, भारत और पाकिस्तान

SCO के उद्देश्य क्या है ?

SCO का उद्देश्य आर्थिक एवं राजनीतिक सहयोग से सतत विकास को बढ़ावा देना है।..

SCO में भारत कब शामिल हुआ ?

जून 2018 में SCO किंगडाओ सम्मेलन में भारत एक सदस्य के तौर पर भाग लिया।..