विषयसूची
G7 क्या है ?
- G-7 दुनिया के 7 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों का एक समूह है। इस समूह में 7 देश होने के कारण इस को ग्रुप ऑफ सेवन भी कहा जाता है।
- इस ग्रुप ऑफ सेवन में फ्रांस, इटली, जापान, ब्रिटेन, अमेरिका, जर्मनी एवं कनाडा जैसे देश शामिल है।
G7 के स्थापना का इतिहास
- 1970 के दशक में आई वैश्विक आर्थिक अस्थिरता और 1973 में इजराइल एवं अरब राष्ट्र के मध्य हो रहे युद्ध के कारण अरब राष्ट्रों ने तेल के निर्यात पर रोक लगा दिया इस घटना को 1973 के तेल संकट के नाम से भी जाना जाता है। इसके बाद विश्व में आर्थिक अस्थिरता और तेल संकट से निपटने के लिए फ्रांस में विकसित राष्ट्रों द्वारा एक सम्मेलन आयोजित किया गया जिसे आर्थिक सम्मेलन के नाम से जाना जाता है।
- इस आर्थिक सम्मेलन में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली और जापान इन 6 देशों ने भाग लिया और मिलकर आर्थिक संकट से निपटने के लिए एक ग्रुप बनाए।
- प्रारंभ में 6 देश शामिल होने के कारण G6 नाम दिया गया।
- G6 का पहला सम्मेलन 1976 में आयोजित किया गया जिसमें इस समूह में कनाडा भी इस समूह से जुड़ गया तब इस ग्रुप का नाम G-7 पड़ा।
- 1997 में G-7 में रूस शामिल हो गया और इस तरह से G-7 G8 के नाम से जाना जाने लगा।
- 2014 मैं रूस ने यूक्रेन पर हमला करके क्रीमिया को रूस में मिला लिया जिसके कारण g8 समूह से रूस को ग्रुप से निकाल दिया और जी 7 फिर से जी7 के नाम से जाना जाने लगा।
G7 बनाने का उद्देश्य
- जी7 ग्रुप बनाने का मुख्य उद्देश्य 1970 के दशक में बिगड़ी हुई वैश्विक अर्थव्यवस्था में नए चुनौतियों का सामना करना था।
- G-7 विश्व की कुल जनसंख्या का 10% और विश्व के GDP का लगभग 31% का प्रतिनिधित्व करता है अतः इस आंकड़े से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह ग्रुप वैश्विक स्तर पर कितना महत्व रखता है।
- G-7 के निर्णय विश्व अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है।
- IMF, विश्व बैंक, WTO जैसी संस्थाओं में प्रभुत्व जी 7 देशों के पास ही है क्योंकि इन संस्थाओं का G-7 के सदस्य देश मुख्य डोमिनेंट देश हैं।
G7 का मुख्यालय
- G-7 के मुख्यालय निर्धारित नहीं किया गया है लेकिन प्रत्येक वर्ष G-7 के बैठक का आयोजन किया जाता है।
G7 शिखर सम्मेलन 2022
- 2022 में जी-7 की बैठक का आयोजन सातवीं बार जर्मनी के द्वारा किया गया।
- 2022 के G-7 बैठक में भारत को भी आमंत्रित किया गया जिसमें भारत के तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भाग लिया।
- G-7 शिखर सम्मेलन 2022 के बैठक में भारत को बुलाने का मकसद भारत रूस संबंध को कम करना हो सकता है। क्योंकि रूस का यूक्रेन पर हमला करने के कारण G-7 के सदस्य देशों द्वारा रूस का विरोध किया जा रहा है और यह बात किसी से छुपा नहीं है कि भारत और रूस का संबंध वर्षों पुराना है।
- इस सम्मेलन में चीन और रूस ने भाग नहीं लिया।
G7 शिखर सम्मेलन 2023
2023 में G-7 के सम्मेलन बैठक का आयोजन 19 से 21 मई 2023 में जापान की राजधानी टोक्यो में आयोजित किया जाएगा।
G7 के सदस्य देश
देश | राजधानी | मुद्रा |
फ्रांस | पेरिस | यूरो |
इटली | रोम | यूरो |
जापान | टोक्यो | येन |
ब्रिटेन | लंदन | पाउंड स्टर्लिंग |
अमेरिका | वाशिंगटन डीसी | अमेरिकी डॉलर |
जर्मनी | बर्लिन | ड्यूश मार्क |
कनाडा | ओटावा | कैनिडियाई डॉलर |
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क्या भारत G-7 का सदस्य है?
No
जी 7 शिखर सम्मेलन क्या है?
दुनिया के साथ सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था वाले देशों के द्वारा एक बैठक है।
G7 के अध्यक्ष कौन है?
2023 में जापान जी7 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करेगा
G7 2023 की मेजबानी कौन सा देश करेगा?
जापान
G7 का मुख्यालय कहां है
G-7 के मुख्यालय निर्धारित नहीं किया गया है लेकिन प्रत्येक वर्ष G-7 के बैठक का आयोजन किया जाता है।
G-7 बनाने का उद्देश्य क्या था
जी7 ग्रुप बनाने का मुख्य उद्देश्य 1970 के दशक में बिगड़ी हुई वैश्विक अर्थव्यवस्था में नए चुनौतियों का सामना करना था।
G-7 विश्व की कुल जनसंख्या का 10% और विश्व के GDP का लगभग 31% का प्रतिनिधित्व करता है अतः इस आंकड़े से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह ग्रुप वैश्विक स्तर पर कितना महत्व रखता है।
G-7 के निर्णय विश्व अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है।
IMF, विश्व बैंक, WTO जैसी संस्थाओं में प्रभुत्व जी 7 देशों के पास ही है क्योंकि इन संस्थाओं का G-7 के सदस्य देश मुख्य डोमिनेंट देश हैं।